“सफलता, गलतियों से”


प्रेम, स्नेह, प्यार मनुष्य जीवन में ईर्ष्या को दूर करते हैं और साथ ही इनसे इंसान को सुख भी प्राप्त होता है| लेकिन इंसान तो इन सभी से वंचित हैं, तो उसे किसी प्रेम भावना की कदर है और ही किसी के प्रति अच्छे व्यवहार की, इंसान बस अपनी पोटली भरने के लिए ही जी रहा है और अपनी मानसिकता के कारण अपने आने वाले समय को और भी अधिक कठिन बना रहा है|

एक ही तो जीवन है, क्यों इसे तू गवां रहा,

कल की चिंता में तू, सबकुछ जीवन में हार रहा 

महाभारत में जीवन की परिभाषा बताते हुए श्री कृष्ण ने कहा थाहे मनुष्य, तू नहीं जानता है कि जीवन क्या है, तू बस बीते हुए और आने वाले कल की चिंता में लगा हुआ है और जो आज तेरे सामने है उसे तू देख कर भी अनदेखा कर रहा है|सत्य तो यह है, जिस आज को तू अनदेखा कर रहा है वही तेरा जीवन है|” इंसान अपने भविष्य की चिंता में इतना डूबा हुआ है कि वह सही या गलत में भी फर्क महसूस नहीं कर पा रहा है|यदि हम प्रत्येक दिन अपने आज को जीने लगे तो शायद हम समझ पायेंगे कि जीवन क्या है और इसे जीना कितना आसान है| 

कर भले ही चिंतन भविष्य का

पर आज तू अपना ना गवां,

कल फिर आयेगा यह दिन

जिसको तू नजरअंदाज कर रहा

देखा जाये तो यह कहना भी गलत होगा कि हमें भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि बिना किसी सोच विचार और चिंता के हम आगे भी नहीं बढ़ सकते|पर क्या आपने कभी यह सोचा है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने अच्छे भविश्य की कामना और साथ ही आने वाले कल के बारे में भी विचार करता है, जी हाँ, अवश्य ही आपने भी किया होगा|अब ज़रा अपने मस्तिष्क पर जोर डालिए और सोचिए कि जो कुछ भी आपने अपने भविश्य के लिए सोचा और सोचते हुए अपने आज को नष्ट किया, वह कितना सही हुआ या फिर आपको उस विचार से कितनी खुशी सुख प्राप्त हुआ|चलिए मान लेते है कि आपको वह संपूर्ण प्राप्ति हुई जिसकी आपने कामनाएँ की थी परंतु यह हमेशा नहीं होता, और इसी कारण आप निराश होकर भविष्य की चिंता में अपना जीवन (आज) व्यर्थ गवां देते हैं| 

प्रेम भावना से जी ले इसे

सभी के प्रति अच्छा व्यवहार बना,

सफल होगा भविष्य तेरा

तू अपनी इच्छाओं को दूर भगा

जीवन सही ढंग से व्यतित करना तो सही है परंतु क्या खुद के लिए ही सबकुछ करना या मात्र खुद के लिए जीना ही जीवन है? जी नहीं|जीवन तो वह पल है, जहां आप अपना और हर उस व्यक्ति या प्राणी (जो आपसे किन्हीं कारणों से जुड़ा हुआ है) काआजसफल सुन्दर बनाने का सामर्थ रखते हों|यदि आप एसा कर पाते हैं तो अवश्य ही आपक भविष्य बिना किसी चिंता के ही सफल हो सकता है|साथ ही आपके ह्रदय में हर प्राणी के प्रति प्रेम भावना उत्पन्न होगी, जो आपके सभी सुखों का कारण बनेंगे| क्योंकि जीवन तभी सफल बन सकता है जब आप अपनी इच्छाओं को त्याग कर दूसरों के बारे में भी सोचे और उनकी सहायता करे|


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