“तू महान है”
तू महान है ए नारी, तुझसे बना ये जहान है,
तू जननी, जन्म दाता, तेरी अनोखी पहचान है,
तूने बनाये है घर कई, और बड़ाई उनकी शान है,
व्यर्थ न जाने दे तू, प्रभु का दिया यह वरदान है,
तुझमें है वह शक्तियां, जिनसे तू अंजान है,
रख भरोसा खुद पर, ना झुकना तेरा काम है,
सागर सी गहराई तुझमें, खुले आसमाँ सा प्यार है,
रूप अनेकों है तेरे, पर ममता एक समान हैं,
दूषित कर रहा तुझे ज़माना, जान के भी यह पाप है,
दिखा शक्तियां तू अपनी, जिससे उमड़ता सैलाब है,
कर दे संहार उन पापियों का,जिन्होंने उजाड़ा तेरा संसार है,
तुझ बिन भविष्य नहीं मानव का, गीता भी यह कहती हैं,
फिर भी न जाने, तू इतना सब क्यु सहती है,
मैं नहीं कहता, सबकुछ तूने ही सहा है,
मगर जितना भी सहा है, मेरी ताकत से कई गुना पार है,
कहा नहीं कभी तूने, दर्द सीने में भरा अपार है,
हे नारी, तू सबसे महान है, तू सबसे महान है|
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